सुनीता असीम

ये सताता रहा खयाल हमें।
साथ तेरे है क्या मलाल हमें।
***
क्यूं निकाल दिया हमें दिल से‌।
प्रेम के पद पे कर बहाल हमें।
***
कर दिया तंग क्यूँ हमें तूने।
आज चुभता यही सवाल हमें।
***
घूरती सी निगाह से देखते।
कर रही हैं लगा हलाल हमें।
***
डूब जाएँ शबाब में .......तेरे।
उससे पहले जरा संभाल हमें।
***
सुनीता असीम
१२/२/२०२०


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