आलोक मित्तल रायपुर

मुक्तक
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आज हम सबको डराता कौन है।
अपनी ताकत यूँ दिखाता कौन है।
क्या मरी इंसानियत उनकी अभी।
देश मेरा ये जलाता कौन है।।


 


कभी दर्द अपना बताती नही है।
नदी तो किसी को डराती नहीं है।
भले आड़ी टेडी वो बहती जमीं पर
कभी भी किसी को सताती नहीं है।


** आलोक मित्तल **


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