अवनीश त्रिवेदी "अभय"

जोगीरा


निज पत्नी का भी करो, आज खूब सत्कार।
बाहर  सेवा  की  अगर, तो  फिर  होगी रार।


जोगीरा सारा रारा रा


घर  के  कामों  में सदा, खूब बटाओ हाथ।
आनाकानी की अगर, फिर पकड़ोगे माथ।


जोगीरा सारा रारा रा


अवनीश त्रिवेदी "अभय"


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