*•••••••••••सुप्रभातम्••••••••••*
*चौपइया छंद*
जय जय माँ अम्बे, जय जगदम्बे, जय माँ अष्ट भवानी|
जय मंगल करणी, सब दुख हरणी, जय माँ जग कल्याणी||
जपुँ नाम तिहारो, काज सवाँरो, मैं बालक अज्ञानी|
हे शक्ति स्वरूपा, रूप अनूपा, अष्ट सिद्धि तू ज्ञानी||
मातंग पूजिता, तु भवप्रीता, भवमोचनि भयहारी|
सुभव्या अभव्या, माँ तू भाव्या, भक्तन के हितकारी||
माँ दुर्गतिनाशिनि, कमल आसनी, नव दुर्गे सुखकारी|
पुनि पुनि करजोरी,अस्तुति तोरी, सकल सिद्ध गुणकारी||
चंचल पाण्डेय 'चरित्र'
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
चंचल पाण्डेय 'चरित्र'
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