डॉ० प्रभुनाथ गुप्त 'विवश'  (सहायक अध्यापक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय बेलवा खुर्द, लक्ष्मीपुर, महराजगंज

ग़ज़ल 
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क्या रंग लायेगी तनहाई दिल की   
हर-पल रुलायेगी तनहाई दिल की
 
जो गीत गाये थे मिल के कभी हम
वही गीत गायेगी तनहाई दिल की
क्या रंग..............................  


मौजों से रिश्ता है किस्ती का मेरे
किधर ले जायेगी तनहाई दिल की
क्या रंग...............................


जो अश्क आँखों से पोछे थे तुमने 
फिर से बहायेगी तनहाई दिल की 
क्या रंग...............................


वही शाम-ए-ग़म, उसी रास्ते पर
क्या लौट जायेगी तनहाई दिल की
क्या रंग.................. ..............


रचना- डॉ० प्रभुनाथ गुप्त 'विवश' 
(सहायक अध्यापक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय बेलवा खुर्द, लक्ष्मीपुर, महराजगंज)


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