एस के कपूर श्री हंस* *श्री हंस।।।।बरेली

*प्यार का जहान।।।।।।।।।।।।।।।*
*मुक्तक।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।*


क्यों हम बांटते जा  रहे  इस,
सुन्दर   से  जहाँ  को।


हमारी मंजिल कहीं और पर,
हम   जा रहे कहाँ को।।


नफरत से  मिलता नहीं कभी,
किसी को   सुख  चैन।


प्यार  बसता   हो   जहाँ   पर,
हम चले बस वहाँ  को।।


*रचयिता।।एस के कपूर श्री हंस*
*श्री हंस।।।।बरेली।।।।।।।।।।।।*


मोब 9897071046।।।।।।
8218685464।।।।।।।।।।।


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