गनेश रॉय "रावण" भगवानपाली,मस्तूरी, बिलासपुर, छत्तीसगढ़

"राजनीति की बल्ले-बल्ले"
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कुछ गिद्ध बैठे हुए हैं
लेकर माईक हाथो में
क्या होगा सियासत में
इसी बात को जानने में
उठाव - पटक हो रही है
बातों की खिंचा - तानी है
इधर - उधर ताक रहे हैं
शब्दों की जुबानी में
किसकी गिरेगी सरकार यहाँ
किसकी बनेगी सरकार यहाँ
बस इसी की परिचर्चा है
कौआ बेचारी शांत है
गिध्दों की काँव - काँव में
कुछ सियार चातुर बने हैं
अपनी जाल बिछाने में
इधर हो या उधर हो
अपनी बल्ले - बल्ले जमाने मे ।।


गनेश रॉय "रावण"
भगवानपाली,मस्तूरी, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
9772727002
©®


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