कैलाश दुबे

हर महिला से अपना नाता है ,


वह तो मानो भारत माता है ,


फिर कैसी ये तेरी माया है , 


अरे सम्मान हमें भी आता है ,


है तेरे रुप अनेक हे माता ,


हम नव राते में करते जगराता है ,



कैलाश दुबे


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