कुमार कारनिक   (छाल, रायगढ़, छग)


      *नारी/महिला*
      ^^^^^^^^^^^^
     मनहरण घनाक्षरी
  (शिल्प-८,८,८,७=३१
    वर्ण,पदांत गुरु)
        """""''''""
भारत  की  तू   है   नारी,
प्रीत    रीत   तुझे  प्यारी,
मानती    दुनिया   सारी,
          ममता महान है।
🧕
साहस  की   है  मिसाल, 
देखे     सपने    विशाल,
नित     करती    कमाल,
      दुनिया की शान है।
🧕
झाँसी वाली रानी तू ही,
इंदिरा  प्रतिभा   तू   ही,
पीटी  उषा  दीपा तू  ही,
         तीजन महान है।
🧕
इसमें   न   कोई    शक,
जान  गयी  निज   हक,
धरती     गगन      तक,
        तुम्हारी उड़ान है।



🧕विश्व महिला दिवस की
हार्दिक शुभकामनाएँ🌸🧕
                        """"""""""


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... चुप्पी  के   दिन खुशियों के दिन भीगे सपनों की बूंदों के दिन, आते जाते हैं, दि...