कुमार कारनिक  (छाल, रायगढ़ छग)


*किसी से कम नहीं*
 (मनहरण घनाक्षरी)
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वो किसी से कम नहीं,
करमों   में  कम  नहीं,
देखो  नित  जल  रही,
      मरती ही आई है।
👧🏻🔥
पत्नी-बेटी - मां-बहन,
करते    जुल्म   सहन,
कहां  हमारा  सम्मान,
     सहती ही आई हैं।
💫👸🏻
उठो  भारत  की नारी,
तुमसे   दुनियां   सारी,
बनों  झलकारी   बाई,
        कदम उठाई हैं।
🏋‍♀💐
अत्याचार मिटाने  को,
तलवार    उठाने   को,
काली    बनकर   हम,
     साहस दिखाई हैं।
🌸🇮🇳



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