अपना लगाव सारा तेरे आस्तां से है
किरदार मेरा देख तेरी दास्तां से है
उसने की नहीं अभी तर्के गुफतगु
हमको बडी उम्मिद उसी पासबां से है
इन पुर खतर रहे गुजर का डर नहीं हमें
इतना मुजे भरोसा मेरे रहेनुमां से है
गुल्शन का गोशा गोशा महेकता है देखीये
फुलों की ताजगी का सबब बागबां से है
बढती चली गइ हैं गलत फहेमीयां मगर
रीश्ता अभी भी जिंदा मेरा आशनां से है
उसने किया इलाज गलत मर्ज बताके
बचना हमें तो अब ऐसे चाराहगरां से है
सारे मकाम जिसने जमीं पर बना लिये
उसका निशाना मासूम अब आस्मां से है
मासूम मोडासवी
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