नूतन लाल साहू

महामारी रोग
कोरोना कोरोना
अब सब को है,रोना
हमने ही बिगाड़ा है,पर्यावरण
मौत तो,आना ही है
खाने के लिए चम्मच
पीने के लिए बार
अब खुशियां,देखते है लोग
घर के बाहर
कोरोना कोरोना
अब सब को है, रोना
हमने ही बिगाड़ा है,पर्यावरण
मौत तो,आना ही है
जगह जगह, बम फूट रहा है
हिंसा घृणा का खेल चल रहा है
आतंकी हथियार बढ़ रहा है
पर्यावरण का विनाश हो रहा है
इसका जिम्मेदार,हम ही तो है
कोरोना कोरोना
अब सब को है,रोना
हमने ही बिगाड़ा है,पर्यावरण
मौत तो,आना ही है
होली खेलने से,डरता है
इसलिए खोली में रहता है
ऐसे ही डरो,पर्यावरण के दुश्मनों
तो क्यों होगा,आगे नुकसान
कोरोना कोरोना
अब सब को है,रोना
हमने ही बिगाड़ा है,पर्यावरण
मौत तो, आना ही है
नूतन लाल साहू


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