रामबाबू शर्मा, राजस्थानी,दौसा(राज.)

कविता
               🌱 रंग 🌱
               ..............
  मनभावन रंगों की इस दुनियां में,
  जो कर्मो के मन से दाने बोता है।
  मेहनत करने से कभी न डरता,
  ईश्वर उसका,रखवाला होता है।।


  रंग रुप से डरना नहीं किसी को,
  हमसब की ये अलग पहचान है।
  जीवन रूपी इस, महाखेल की,
 जाने किसके हाथ में, कमान है।।


 
 रंग का भेद किसी ने नहीं पाया,
 फिर हम क्यो,इस पर बहस करें।
 कोई दुखी नहीं रहे भारत भू पर,
 हम सब मिलकर ऐसा प्रण करें।।


 हर रंग की एक,अलग कहानी है,
 राष्ट्र हित की पहले जिम्मेदारी है।
 सभी धर्मो र्के इस भूमण्डल पर,
आज भी मानवता का रंग भारी है।।
©®
     रामबाबू शर्मा, राजस्थानी,दौसा(राज.)


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... चुप्पी  के   दिन खुशियों के दिन भीगे सपनों की बूंदों के दिन, आते जाते हैं, दि...