जय मां दुर्गे
_____________
तुम ही दूर्गा, तुम ही काली ।
तुम ही शेरा वाली।।
हर घर में ,वास करो मां।
लक्ष्मी स्वरुपा वाली।।
तेरे भक्तों ,पे आन पड़ी है।
आजा मेहरा वाली।।
शक्ति रूपा , शक्ति स्वरूपा।
तुम ही शक्तिशाली।।
मां तेरे ,भक्त खडे़ है।
दर्शन की अभिलाषी।।
सब की संकट दूर करो मां।
तु ही संकट नासिनी ।।
तु ही दूर्गा, तु ही काली।
तु ही शेरा वाली।।
श्रीमती राधा चौधरी
जरेकेला
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें