सुनील कुमार गुप्ता

कविता:-
  *"आम लड़कियों की कहानी"*
"शिक्षा के लिए झगड़ती,
अपने माँ-बाप से देखी-
ये आम लड़कियों की कहानी।
लड़का-लड़की के अंतर को,
परवरिश में ही पहचानी-
ये आम लड़कियों की कहानी।
दहेज़ में बिकते लड़के,
जलती लड़कियाँ-
ये आम लड़कियों की कहानी।
लड़कियाँ लड़को से कम नहीं,
फिर भी चाह लड़के की-
ये आम लड़कियों की कहानी।
होगा न मान सम्मान लड़की का घर में,
अपमानित होगी जग में -
ये आम लड़कियों की कहानी।
लड़की ही आधार घर परिवार का,
फिर भी उपेक्षित है-
ये आम लड़कियों की कहानी।
शिक्षा के लिए झगड़ती,
अपने माँ बाप से देखी-
ये आम लड़कियों की कहानी।।"
सुनील कुमार गुप्ता


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... चुप्पी  के   दिन खुशियों के दिन भीगे सपनों की बूंदों के दिन, आते जाते हैं, दि...