राजेंद्र रायपुरी

🌞   दीप जलाना है हमें  🌞


रखना याद न भूलना, 
                    कहा गया जो यार। 
दीप जलाना है हमें, 
                   अपने  अपने  द्वार।


अपने  अपने  द्वार, 
                   रात नौ बजते भाई।
अधिक नहीं नौ मिनट, 
                 बता दो आज लुगाई।


स्वाद जीत का यार,
              हमें है कल को चखना।
दिन कल है रविवार, 
              ध्यान है सबको रखना।


             ।। राजेंद्र रायपुरी।।


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