ऋद्धि निराला

अब कब आओगे भगवान,
बन के श्री कृष्ण या राम!
तुम तो जग के पालनहार,
बढ़ गये कलयुगी अत्याचार!
पापों का संघार करो,
इस युग का कल्याण करो!
 युग बदल गया ,
शासन बदल गये,
बदल गया संसार ,
अब कब आओगे भगवान,
बन के श्री कृष्ण या राम!
तुम तो अंतर्यामी हो,
 अंतर मन के स्वामी हो,
जग मे छाया है अंधियारा !
इस जग को कर दो उजियारा,
मिटा दो सबके मन का क्लेश,
बना दो इस जग को विषेश,
सब त्याग दे लोभ, मोह और  माया,
हृदय मे हो क्षमा,दया, प्रेम की काया,
बदल जाए संसार,
अब कब आओगे भगवान,
बन के श्री कृष्ण या राम!


धन्यवाद🙏🏻
          _____ऋद्धि निराला✍🏻


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...