सुबोध कुमार

आलेख पृथ्वी दिवस


बीता एक महीना लोगों ने घर पर कैद होकर बिताया | डरा सहमा समाज प्रकृति का यह रूप देखकर इस बीते समय में इतना तो चिंतन कर ही पाया है कि हमने इसे जरूरत से ज्यादा तबाह किया है जंगल काट दिए नदियां सूख गई धरती का तापमान बढ़ गया मौसम अधिक क्रूर हो गए और ऐसा नए वायरस पनप कर आ रहे है
     हर इंसान समझ गया है कि अब आगे और नहीं पर क्या करना होगा यह लो लॉकडाउन खत्म होने होने के बाद यह धरती बचाने के लिए|  आप भी कुछ संकल्प लें इस धरती और मानवता को बचाने के लिए
      आपसे प्रार्थना है कि अपना संकल्प हमारे साथ भी साझा करें और यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको पृथ्वी दिवस की शुभकामनाएं
          सुबोध कुमार


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