सुनील कुमार गुप्ता

कविता:-
      *"एकता"*
"एकता होती जब जीवन में,
मुश्किल नहीं-
होती कोई मन में।
सार्थक होते प्रयास सारे,
मिलती सफलता-
संदेह नहीं जीवन में।
शरीर के अंगो में जब भी,
होता नहीं समन्वय-
रोगी होता तन-मन जीवन में।
एकता ही तो जीवन की पूँजी,
जिससे मिलती सफलता-
हर पल इस जीवन में।
एकता का विश्वास बढ़ाता
अपनत्व,
पाते विजय -
मिटते विकार जीवन में।
एकता होती जब जीवन में,
मुश्किल नहीं-
होती कोई मन में।।"
ःःःःःःःःःःःःःःःःःः          सुनील कुमार गुप्ता
sunilgupta
ःःःःःःःःःःःःःःःःः         16-04-2020


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