सुनील कुमार गुप्ता

कविता:-
     *" मेरा पहला प्यार"*
"मेरा पहला प्यार,
है प्रभु तुमसे-
कर लो स्वीकार।
माँ का प्यार इतना,
याद है -मुझे-
पिता का दुलार।
यौवन की दहलीज़.पर प्रभु,
भेजी कमसिन प्यारी सी-
जिसने सपने किये साकार।
सब कुछ मिला जीवन में,
कृपा रही प्रभु की-
मेरा नमन करो स्वीकार।
बिन माँगे मिला सुख इतना,
दु:ख का नही अहसास-
मेरा नमन करो स्वीकार।
मेरा पहला प्यार,
हैं प्रभु तुमसे-
कर लो स्वीकार।।"
ःःःःःःःःःःःःःःःःः          सुनील कुमार गुप्ता
sunilgupta
         04-04-2020


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