डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी

"साथ न छोड़ो संमित्रों का" 


अच्छे मित्रों  को खोजते रहिये
मिल जायें तो गले से लगाते रहिये।
अच्छे मित्र बड़े भाग्य से मिलते हैं
ईश्वर की कृपा से मिलते हैं
पूर्व जन्मों के प्रारवद्ध से मिलते हैं
शुभ कर्मों से मिलते हैं।
मिल जाने पर भूलकर भी मत त्यागना,
पूरा सम्मान देना,
विपत्ति में साथ देना,
गोपनीयता को छिपाना,
गुणों को प्रकट करना।
ह्रदय में रखना,
प्रेम की बातें करना,
आँखों के सामने रखना,
कभी दृष्टि से ओझल मत होने देना,
गलतियाँ कदापि मत ढूढ़ना,
अच्छाइयों की प्रशंसा करते रहना,
उनके हर काम को अपना काम समझना,
पूरा सहयोग करना,
कभी चित से न उतारना,
अपने से ज्यादा मानना।
गलत सलाह कभी मत देना,
अच्छी राह दिखाना।


रचनाकार:


डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी
9838453801


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