:डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी

*अति अनुपम माँ महा शक्ति हैं*


 


अतिशय ज्ञान सिन्धु अति शोभित।


महाकाशमय विज्ञ पुरोहित।।


 


नूतन नव्य भव्य प्रिय सरला।


परम पुरातन नित्या तरला।।


 


परम पावनी गंग सदृश हो।


महा तपस्विनी विद्या यश हो।।


 


मातृ शारदा लोक पालिका।


कला गीत साहित्य साधिका।।


 


सिंहनाद माँ ज्ञान क्षेत्र में।


सदाचारिणी सकल क्षेत्र में।


 


हमें चाहिये प्रीति आप की।


शुभमय मधुमय नीति आप की।


 


रचनाकार:डॉ:रामबली मिश्र हरिहरपुरी


9838453801


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