कालिका प्रसाद सेमवाल

पितृ दिवस पर विशेष


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*पिता जीवन का आधार है*


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पिता परिवार का आधार होता है,


पिता ही परिवार की पहचान है,


पिता ही बच्चे को चलना सीखाता है,


पिता ही बच्चे का ज्ञान दाता होता है।


 


पिता से ही बच्चों की मुस्किल आसान होती है,


पिता से ही बच्चों की पहचान होती है,


पिता वट वृक्ष जैसा होता है,


पिता की छाया में परिवार पलता है।


 


पिता ही परिवार के लिए रात दिन एक करता है,


पिता ही बच्चों में चेतना भरता है,


पिता परिवार का उजाला होता है,


पिता ही परिवार की जिम्मेदारी उठाता है।


 


पिता बच्चों की प्यास होती है,


पिता परिवार की आस होती है,


पिता की महिमा गाई नहीं जा सकती है,


पिता नूर नहीं कोहिनूर होता है।


 


पिता बच्चों की हर मांग पूरी करता है,


पिता है तो हर सपने पूरे होते है,


पिता बच्चों को संस्कार देता है,


पिता परिवार को पहचान देता है।


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कालिका प्रसाद सेमवाल


मानस सदन अपर बाजार


रुद्रप्रयाग उत्तराखंड


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