लक्ष्मी करियारे पिता कविता

पितृदिवस की अशेष बधाई एवं शुभकामनाएं


ज़िंदगी की चिलचिलाती धूप में घने बरगद की शीतल छाँव..


आसमां जैसा ये तेरा साया दूर मुझसे सारे आभाव..


* बड़े नसीब तेरी गोद मिली


कभी हुआ न सामना काँटो से 


फूल ही फूल बिछे पाव..


आसमां जैसा ये तेरा साया...


* प्यार तेरा ये गहरा साया


संघर्षों की आँधियों में भी 


हौसलों की चलती नाव..


आसमां जैसा ये ये तेरा साया...


* बोले बिना ही समझे बातें मेरी 


मुझे दिया हर पल सुख का 


लिये मेरे दर्द घाव..


आसमां जैसा ये तेरा साया...


* दूर रहकर भी संग है मेरे 


तुम्ही ज़मीर जागीर पहचान 


मेरे एहसास यादों के गाँव..


आसमां जैसा ये तेरा साया...


जिंदगी की चिलचिलाती धूप में घने बरगद की शीतल छाँव..


आसमां जैसा ये तेरा साया दूर मुझसे सारे आभाव...


       📖🖋लक्ष्मी करियारे


( शिक्षिका लोक गायिका कवयित्री )


आत्मज - स्व श्री पी एल करियारे जी 


छातीसगढ़ जाँजगीर


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