नीलू सक्सेना देवास

🌹🙏🌹पिता🌹🙏🌹


 


 


पिता अपनी इच्छाओं और 


शौक का दहन है ।


पिता है तो हमारा जीवन है ।


पिता से ही जीवन के हर साजऔर खिलौने हैं


वरना यह सब बौने है ।


 


 


पिता का अहसान हम चुका सकते नहीं ।


क्योंकि पिता सर्वस्व लुटा कर भी कुछ मांगता नहीं ।


जीवन एक यज्ञ है, पिता की इच्छाएं उसमें समिधा हैं।


और बिना समिधा के यज्ञ कहां पूरा होता है ।


 


जिनके सर पर पिता का हाथ है,


मानो उनके सर पर सरताज है


दुनिया में कोई कलम ऐसी नहीं,


जो पिता के गुणों का वर्णन कर सकती नहीं ।


      


 


             🌹🙏नीलू सक्सेना🙏🌹


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