सत्यप्रकाश पाण्डेय

तेरे चरण कमल स्पर्श से


पावन वृज की धूल


कालिंदी जल निर्मल हुओं


मेंटे संतन शूल


 


बृषभानु सुता व बृजठाकुर


मुझको लो अपनाय


दुर्भावनाएं दूर रहें


दो अज्ञान मिटाय


 


धर्म पथ का अनुशरण करूं


जपूं आपका नाम


मेरा बृज हिय पावन करो


राधे सह घन श्याम।


 


युगलरूपाय नमो नमः👏👏👏👏👏🌹🌹🌹🌹🌹


 


सत्यप्रकाश पाण्डेय


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