रश्मि लता मिश्रा, बिलासपुर, सी,जी।

शिव बोलत नाहीं,शिव डोलत नाहीं,


शिव शंकर बैठे समाधि।


राम नाम की माला फेरें


पीटें उसकी मुनादी।


शिव नंदी चढ़त,शिव भंगिया पियत


झोली भर दें फरियादी।


पितरों के उद्धार हेतु फिर,


जटा से गंगा बहा दी।


 


श्रावण मास की दशमी तिथि की शिव भक्तों को शुभकामनाएं।


रश्मि लता मिश्रा, बिलासपुर, सी,जी।


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