नूतन लाल साहू

सबो दिन एके नइ रहय


अब रात पहा गेहे


उत्ती ललमुहा होगे


नवा बिहनिया आवत हे


न चले निरन्तर काल के जोर रे संगी


अब सुग्घर दिन बहुरावत हे


ये रसायन खातू के मारे


खेती परती लहुटत हे


गऊ पालन ले टिकाऊ खेती हो ही


गोबर कचरा खातू बनही


कम खरचा में गऊ मूत हा


रोग बीमारी ल दुर करही


गोधन न्याय योजना शुरू होंगे


अब रात पहा गेहे


ऊत्ती ललमुहा होगे


नवा बिहनिया आवत हे


न चले काल के जोर रे संगी


अब सुग्घर दिन ह बहुरावत हे


मय आंव किसनहा


मोर संग म नांगर बइला


नांगर बइला देवी देवता


अन्न हे लक्ष्मी माता


हरियर भुइया सुग्घर लागे


खेतखार मोर जिनगी हावय


सावन म बरसे रिमझिम रिमझिम


भादो म झमाझम बरसे


खेत ह पथरा होवत हे


बियासी करे बर झन छोड़व भइया


रसायन खातू म अब्बड बीमारी


कम्पोस्ट खातू के उपयोग करही किसनहा


गोधन न्याय योजना शुरू होंगे


अब रात पहा गेहे


उत्ती ललमुहा होंगे


नवा बिहनिया आवत हे


न चले निरन्तर काल के जोर रे संगी


अब सुग्घर दिन बहुरावत हे


 


नूतन लाल साहू


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