राजेंद्र रायपुरी

😊😊* * एक भजन * *😊😊


 


साॅ॑वरे है बता तू कहाॅ॑,


             ढूंढ डाली मैं सारा जहां। (२)


 


काहे बंशी बजाता नहीं।


         कोई धुन क्यों सुनाता नहीं। (२)


चैन बिन बंशी के आए ना,


           साॅ॑वरे है बता तू कहाॅ॑। (२)


 


बात है क्या, बताता न क्यूं


       सामने कान्हा, आता न क्यूं। (२)


रूठ बैठा है जाने कहाॅ॑,


         ढूंढ डाली मैं सारा जहां।(२)


 


साॅ॑वरे है बता तू कहाॅ॑।


          ढूंढ डाली मैं सारा जहां।(२)


 


यूॅ॑ न रूठो सुनो मोहना,


        दिल न लागे तुम्हारे बिना।(२)


हो गई हो अगर कुछ ख़ता।


       माफ़ कर दो रखो दिल में ना।(२)


 


साॅ॑वरे हो बताओ कहाॅ॑।


       ढूंढ डाली मैं सारा जहां।(२)


 


सूनी है, कूंज की हर गली।


        है कली भी न कोई खिली।(२)


तेरी गइया भी कुछ खाएॅ॑ ना।


       है कहाॅ॑ तू, बता मोहना।(२)


 


साॅ॑वरे, है बता तू कहाॅ॑।


         ढूंढ डाली मैं सारा जहां।(२)


 


सारी सखियाॅ॑ पुकारें तुझे।


         है कहाॅ॑ तू बता दें मुझे।(२)


सारी सखियों को लाऊॅ॑ वहाॅ॑।


        मोहना तू है बैठा जहाॅ॑।(२)


 


साॅ॑वरे है बता तू कहाॅ॑।


         ढूंढ डाली, मैं सारा जहां।(२)


 


              ।। राजेंद्र रायपुरी।।


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