रत्ना वर्मा धनबाद-

नमन मंच काव्य रंगोली 


     शिलान्यास पर मन के भाव


 


मन से मन का दीप जला लो,


प्रेम प्यार खुशी बरसा लो ।


बरसों बाद आज लौटे राम ,


फूलों से सजा अयोध्या धाम।


 


 


कली कली मुस्काई है ,


गीत खुशी की गाई है ।


प्रीत प्रेम का गागर ...


सरयू में छलक आई है ।


 


राम नाम का आज एक ,


नया इतिहास बना है ।


असुरी शक्तियों का विनाश कर,


वनवासी को अयोध्या धाम मिला है। 


 


निश्छल भाव शबरी के ,


मन को भाते हैं ....।


केवटी की वाणी में हम,


कथा सुनाते हैं ....।


 


पुरुषोत्तम श्री राम के


गुण हम गातें हैं ।


वही तो जीवन नैया 


पार लगातें हैं। ।


 


स्वरचित मौलिक रचना 


रत्ना वर्मा 


धनबाद- झारखंड


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