सुनील कुमार गुप्ता

बदल गये


"रास्ते वही जीवन के,


यहाँ कदम बदल गये।


जीवन के पथ में साथी,


फिर साथी बदल गये।।


पत्थर की दीवारो के,


यहाँ रूप बदल गये।


कही भक्त कही भगवान,


इस जग में बदल गये।।


भगवान तो वही साथी,


उनके रूप बदल गये।


पहन चोला भक्ति का फिर,


यहाँ भक्त बदल गये।।


 


 सुनील कुमार गुप्ता


 


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