डॉ. रामबली मिश्र

माँ सरस्वती याद रहें बस


 


याद रखो माँ को जीवन भर।


करो प्रार्थना हाथ जोड़कर।।


 


मन में ही उनको स्थापित कर।


अपना तन मन धन अर्पित कर।।


 


दूर न जाना पास में रहना।


अपनी सारी बातें कहना।।


 


 माँ का प्रेम पात्र बन जाना।


उनके आगे शीश झुकाना।।


 


शोक -कष्ट -दुःख वही काटतीं।


सदा भक्त को गले लगतीं।।


 


माँ चरणों का रज रख सिर पर।


नित वंदन कर अभिनंदन कर।।


 


डॉ. रामबली मिश्र हरिहरपुरी


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