डॉ0 रामबली मिश्र

बना कबीरा चलते रहना


 


सदा फक्कड़ी बनक चलना।


बना कबीरा चलते रहना। ।


 


मत करना परवाह किसी की।


चिन्तन ध्यान लगाये रहना।।


 


करो अनसुनी सदा मस्त रह।


योगी बनकर विचरण करना।।


 


गन्दी राजनीती में पड़कर।


अपना जीवन नष्ट न करना।।


 


खैर मनाओ हर मानव की।


सदा निरापद बनकर रहना।।


 


मत सहना तुम कभी अनर्गल ।


सार्थक बातें कहना सुनना।।


 


चित से दुष्टों को उतार दो।


ले कबीर की लाठी चलना।।


 


सत्संगति का मजा लूट लो।


नहीं कुसंगति में तुम पड़ना।।


 


दांव-पेंच को दूर फेंककर।


सीधी-सादी बातें करना।।


 


दुनियादारी यही एक बस।


अपने में ही जीते रहना।।


 


लोई एक मात्र काफी है।


बन पत्नी का भक्त विचरना ।।


 


राग-द्वेष के ऊपर जाकर ।


सम मंत्रों को जपते रहना।।


 


डॉ0 रामबली मिश्र हरिहरपुरी 


9838453801


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