कबीर ऋषि सिद्धार्थी

वो शिक्षक है


 


जिसने हमें हाथ पकड़कर


चलना सिखाया हो


वो शिक्षक है...!


 


जिसने हमें बोल-बोलकर 


बोलना सिखाया हो


वो शिक्षक है...!


 


जिसने हमें ज़िन्दगी में


सही राह दिखाया हो


वो शिक्षक है...!


 


जिसने हमें गलतियों पर


माफ करना सिखाया हो


वो शिक्षक है...!


 


जिसने हमें बड़ों का


आदर करना सिखाया हो


वो शिक्षक है...!


 


जिसने हमें चुनौतियों का


सामना करना सिखाया हो


वो शिक्षक है...!


 


जिसने हमें जीवन में


संघर्ष करना सिखाया हो


वो शिक्षक है...!


 


जिसने हमें जाति-धर्म से


ऊपर इंसान बनाया हो


वो शिक्षक है...!


 


जिसने हमें हर परिस्थितियों में


ज़िन्दगी जीना सिखाया हो


वो शिक्षक है...!


 


जिसने हमें जीवन में


कभी कुछ भी सिखाया हो


वो शिक्षक है...!


-कबीर ऋषि


******************


 


मेरे जीवन की पहली शिक्षक मेरे माँ, जिसने मुझे जिंदगी का सही अर्थ समझाया।


आज मैं जो कुछ भी हूँ उन्हीं का एक अंश मात्र हूँ।


 


–कबीर ऋषि “सिद्धार्थी”


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... चुप्पी  के   दिन खुशियों के दिन भीगे सपनों की बूंदों के दिन, आते जाते हैं, दि...