संजय जैन

मोहब्बत में अक्सर लोग,


सब कुछ भूल जाते है।


दिल दिमाग में उसके,


मोहब्बत छाई रहती है।


न कुछ कहता न सुनता,


बस अपने में मस्त रहता।


और प्यार के सागर में,


वो डूब जाता है।।


मोहब्बत में अक्सर लोग,


सब कुछ भूल जाते है।।


 


नैन से नैन लड़ा के,


दिलमें उतर जाती है।


फिर दिल के अंदर जो,


मोहब्बत को बढ़ाती है। 


जिसके कारण ही वो,


आंखों में छाई रहती है।


और दीप मोहब्बत का,


दिलों में जला देती है।।


मोहब्बत में अक्सर लोग,


सब कुछ भूल जाते है।।


 


किसी से दिल लगाना,


आसान नहीं होता है।


प्यार में जीना मरना,


आसान नहीं होता है।


ये वो आग होती है जिसे,


कोई बूझा सकता नहीं।


इसलिए सच्ची प्रेमी,


आजकल कम होते हैं।।


मोहब्बत में अक्सर लोग,


सब कुछ भूल जाते है।।


 


जय जिनेन्द्र देव


संजय जैन मुंबई


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... चुप्पी  के   दिन खुशियों के दिन भीगे सपनों की बूंदों के दिन, आते जाते हैं, दि...