सत्यप्रकाश पाण्डेय

चढ़े सत्य पै भक्ति रंग....


 


मेरे हृदय की शुचिता का


है युगलरूप आधार


जीवन रहे परिष्कृत मेरा


रहे तव चरणों में प्यार


 


काम क्रोध मद लोभ दंभ


हे ईश्वर मुझे सताये न


सत्य मार्ग पै सदा चलूं मैं


मन कभी घवराये न


 


करुनासिन्धु हे मुरलीधर


बृषभानु लली के संग


हरते रहें दुख दारिद्र मेरे


चढ़े सत्य पै भक्ति रंग।


 


श्री युगलरूपाय नमो नमः


सत्यप्रकाश पाण्डेय


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