सत्यप्रकाश पाण्डेय

आओ बाहों में राधे


कर दूं श्रृंगार मैं तेरा


आदिशक्ति जग की


हो तुम ही बल मेरा


 


दुनियां सजाने वाली


आ तुझको सजा दूँ


हृदय आँखों में बसा


सकल स्नेह लुटा दूँ


 


मैं ईश्वर हूं सृष्टि का


तुम शक्ति मेरी राधे


जगजननी किशोरी


बिना तेरे हम आधे


 


सत्य अरदास करता


हे आराध्य आराध्या


दुःख दर्द मेरे हरना


विनती जीवन साध्या।


 


युगलरूपाय नमो नमः


सत्यप्रकाश पाण्डेय


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