सुनील कुमार गुप्ता

पितृ-पक्ष की महिमा अपार,


याद करे उनको-


मिलता जीवन में सुख अपार।


दें अन्न जल ब्राह्मण को,


कर तर्पण-


मन बसे श्रृद्धा अपार।


श्राद्ध का मतलब यही,


श्रृद्धा से करें स्मरण-


रहे पितरो का नाम अमर।


उनके आशीष से ही,


मिलता सुख-


और समृद्धि अपार।


अमर रहे कीर्ति उनकी,


पितृ पक्ष में-


मिले शांति अपार।


कोई न भूले अपने पूर्वजो को,


उनके निमित पितृ पक्ष में दे-


अन्नं जल और उपहार।


पितृ-पक्ष की महिमा अपार,


याद करे उनको-


मिलता जीवन में सुखी संसार।


 


 सुनील कुमार गुप्ता


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... चुप्पी  के   दिन खुशियों के दिन भीगे सपनों की बूंदों के दिन, आते जाते हैं, दि...