डॉ.रामबली मिश्र

प्यार का प्रतीक


    


आप मेरे प्यार का प्रतीक बन बहो।


आप केवल प्रेम की तस्वीर बन रहो।।


 


आपको मैं छोड़ने का नाम नहीं लूँ।


मैं सुनूँगा बात सारी आप जो कहो।।


 


रम गया हूँ आप में योगी बना रमता।


दिल में बैठ आपके कुछ बात-चीत हो।।


 


मत कभी यह सोचना कि दूर जाना है।


छोड़ सब जंजाल को बस साथ में रहो।।


 


बैठ मेरे घर-हृदय में रात भर जगो।


यशगान आपका हृदय से बार-बार हो।।


 


मुस्कराते गीत गाते आपको जपूँ।


आपका ही ध्यान मेरे मन में सदा हो।।


 


डॉ.रामबली मिश्र हरिहरपुरी


9838453801


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