निशा अतुल्य

माँ दुर्गा को समर्पित 


💐🙏🏻💐


17.10.2020


 


आए नौरात्र 


मैया आ जाओ द्वार 


है इंतजार ।


 


मैया आवह्न 


सजा है दरबार 


विराजो आज ।


 


कर श्रृंगार 


रूप सजाऊँ मैया


मैं गुण गाऊँ ।


 


दीप जलाऊँ


चुनर चढ़ाऊँ माँ


करो स्वीकार ।


 


आरती गाऊँ


रह निरआहर 


तुम्हें मनाऊँ।


 


भोग लगाऊँ


विराजो मन आप


दो वरदान


 


शक्ति संचार


माँ उर में भर दो 


है मनुहार ।


 


न बने कोई


अब निर्भया यहाँ


माँ ये वर दे ।


 


स्वरचित


निशा"अतुल्य"


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