शरद पूर्णिमा


शरद पूर्णिमा के चन्दा से जन जन को अमरत्व मिले।


मेरी आर्य संस्कृति को भी बचा खुचा अस्तित्व मिले।


धवल खुशी से शांति भरा हम तुम सब ही का जीवन हो,


धरती के हर दम्पति को सुखमय ममता मातृत्व मिले।।


आशुकवि नीरज अवस्थी 9919256950


 


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... चुप्पी  के   दिन खुशियों के दिन भीगे सपनों की बूंदों के दिन, आते जाते हैं, दि...