डॉ0 हरि नाथ मिश्र

 भूख बड़ी या कोरोना


नहीं बहस का मुद्दा है यह,


भूख बड़ी या कोरोना।


छोटा कौन बड़ा है इसमें-


दोनों में रोना-रोना।।


 


कोरोना की मार भयानक,


संयम से ही रहना है।


भूख निगोड़ी बहुत सताए,


इससे भी तो बचना है।


करें सभी मिल यत्न अनूठा-


अब तज कर रोना-धोना।।


 


करें कर्म सब अपना-अपना,


थोड़ा दूर-दूर रहकर।


दूरी-संयम हैं निदान बस,


इसका नियमन हो डटकर।


भागे भूख,भगे कोरोना-


नहीं ज़िंदगी को खोना।।


 


हँसी-खुशी,मिल-जुल कर दोनों,


को ही हमें मिटाना है।


साफ-सफाई,भोजन सादा,


का नियमन अपनाना है।


नए सिरे से नई व्यवस्था-


के हैं बीज अभी बोना।।


 


कोरोना तो जाएगा ही,


किंतु भूख रह जानी है।


सदा परिश्रम करते रहना,


सचमुच यही कहानी है।


सदा जागते रहना जीवन-


मरण-निमंत्रण है सोना।।


        नहीं बहस का मुद्दा है यह,


         भूख बड़ी या कोरोना।।


                   ©डॉ0हरि नाथ मिश्र


                       9919446372


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