डॉ0 निर्मला शर्मा

जय हनुमान


करूँ वन्दना दयानिधान


मंगलकारी श्री हनुमान


कलियुग का साया गहराया


अत्याचार ने पैर फैलाया


अन्यायी करे गर्व अभिमान


करो कृपा हे कृपानिधान


नाम तिहारा जपूँ गुँसाई


तुम्हरे बिन है कौन सहाई


सुख तो रवि किरणों सा बिखरे


दुख मन ही मन ले लूँ सगरे


पार मै पाऊँ इस जग मै प्रभु


बनो जो मेरे तारणहार


जय बजरंग बली महाराज


तारो मोहे बनाओ सब काज


 


डॉ0 निर्मला शर्मा


दौसा राजस्थान


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