निशा अतुल्य

छंद प्रबोधनी एकादशी


ढ़ेर सारी शुभकामनाएं 


25.11.2020


 


 


प्रबोधनी एकादशी ,पाप करम नाशनी


उठे देव जान कर सब,मंगलम मनाइए।


 


व्रत रखे निरआहार,कष्ट करें सब पार


विष्णु प्रिया संग रहे,आशीष पा जाइए।


 


मन में सदा है हुलसी,विष्णु प्रिय है तुलसी


विष्णु सँग तुलसी जी का,विवाह करवाइए।


 


सोए देव उठाइए,विष्णु हरि मनाइए


बैकुंठ धाम पाइए,भव से तर जाइए।


 


स्वरचित 


निशा"अतुल्य"


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... चुप्पी  के   दिन खुशियों के दिन भीगे सपनों की बूंदों के दिन, आते जाते हैं, दि...