नूतन लाल साहू

शिक्षा प्रद बातें


 


जो इंसान अपनी गलतियों के लिए


खुद से लड़ता है


उसे दुनिया में कोई भी नहीं हरा सकता


मां शारदा जिसे देती हैं


ज्ञान रूपी कृपा प्रसाद


तो उसे छु भी नहीं पाता है


सांसारिक और शारीरिक अवसाद


जो होना था वह हो चुका


बीते घटना और दुखों से मिलता है ज्ञान


हरि इच्छा में छिपा हुआ है


मानव जाति का कल्याण


ज्योतिष को भी मालूम नहीं होता है


जब खुद की तकदीर


वह किस तरह बदल पायेगा


तेरा भाग्य लकीर


जो अपनी गलतियों के लिए


खुद से लड़ता है


उसे दुनिया में कोई भी नहीं हरा सकता


जो इंसान दुसरो के बारे में हमेशा


बुरा सोचता है


उसका भला कभी नहीं हो सकता


भले ही वह शुरू में हंसता है


मगर बाद में वह जरूर रोता है


जो इंसान परम पिता परमेश्वर पर


रखता है पूरी आस्था


उसके लिए हर क्षण होता है


दुःख सुख एक समान


बिन पेंदी के लोटा जैसा मत लुढ़क


स्थिर रह इंसान


हरि इच्छा ही बलवान है


इसे कटु सत्य जान


जो अपनी गलतियों के लिए


खुद से लड़ता है


उसे दुनिया में कोई भी नहीं हरा सकता


नूतन लाल साहू


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