"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
नूतन लाल साहू
सुविचार
काम करने वालों की कदर करो
कान भरने वालों की कभी नहीं
बालपन गया खेल कूद में
विषयो में गई जवानी
अंत समय जब तेरा आया
तेरे कोई काम न आया
हंस के तू गुण गा ले
यदि जाना भवसागर पार है
काम करने वालों की कदर करो
कान भरने वालों की कभी नहीं
इतना जालिम हो गया है
कुदरत का कानून
अगर कुछ बुरा हो भी जाये
तो खो मत देना होश
ऊपर वाला लिख देता हैं
जीत का एक नया अध्याय
काम करने वालों की कदर करो
कान भरने वालों की कभी नहीं
घटता है कुछ हादसा
सभी इंसानों के साथ
हानि लाभ जीवन मरण
यश अपयश विधि हाथ
कहते संत फकीर सब
जीवन एक सराय
काम करने वालों की कदर करो
कान भरने वालों की कभी नहीं
कुदरत नित देती नहीं
दुख़ सुख की सौगात
सबसे लम्बी यात्रा है
घर से शमशान
दोष देखना गैर के
बंद कर दें आप
काम करने वालों की कदर करो
कान भरने वालों की कभी नहीं
नूतन लाल साहू
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