डॉ0 हरि नाथ मिश्र

 *बाल-गीत* 

  बंदर-भालू नाच दिखाते,

सोनू-मोनू गाना गाते।

ढोल बजाता गदहा आया-

हाथी ने भी झाँझ बजाया।।


फुदक-फुदक गौरैया आई,

तितली उसको देख पराई।

भौंरा भन-भन करता आया-

सुनकर मिट्ठू गाना गाया।।


म्यांऊँ करती बिल्ली मौसी,

आकर खाए हलुवा-लपसी।

उसे देखकर भगी गिलहरी-

तुरत पेड़ पर चढ़कर ठहरी।।


काँव-काँव कर कौआ आया,

रोटी लेकर तुरत पराया।

पास बैठ कर गुड़िया रानी-

मम्मी से आ कही कहानी।।


लेकर दही-जलेबी मम्मी,

कही सुनो हे प्यारी पम्मी।

छोड़ो खेल-तमाशा तुम अब-

खाओ दही-जलेबी अब सब।।


गुड्डू को भी तुरत बुलाओ,

अब मत ज्यादा शोर मचाओ।

खाकर करो पढ़ाई बच्चों।

 होगी तभी भलाई बच्चों।।

          ©डॉ0हरि नाथ मिश्र

               9919446372

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