परमवीर सृजन सम्मान
हमारा भारत देश प्राचीन काल से ही गौरवशाली इतिहास का साक्षी रहा है फिर भले ही वह गार्गी के ध्वनि तरंगों द्वारा शब्द संप्रेषण के सिद्धांत की बात हो, महान वैज्ञानिक शून्य एवं दशमलव पद्धति के जनक आर्यभट हों, संसार के प्रथम नाटककार आचार्य भरत, शुल्वसूत्र के जनक बोधायनाचार्य , आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के प्रमुख वैद्य चरक और सुश्रुत, एकेश्वरवाद के जनक आदि शंकराचार्य , शांति और अहिंसा सिद्धांत के प्रमुख प्रसारक भगवान बुद्ध और महावीर स्वामी जी। वीरता के इतिहास को स्वर्णिम पन्नों में लिखने वाले वीर राणा प्रताप , वीर योद्धा शिवाजी, रानी लक्ष्मी बाई आदि ने अपने समर्पण और बलिदानी कार्यों से देश के गौरव को बढ़ाया और कभी उसके मान को आंच नहीं आने दी।
भारत की अंग्रेजी शासन से आजादी के बाद भी यही परंपरा कायम रखते हुए जिन वीरों ने अपना सर्वोच्च बलिदान देकर देश की आन बान और शान को अक्षुण्ण बनाए रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी उन्हें देश ने सेना के सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र से नवाजा।ऐसे 21 वीरों को
विशिष्ट सम्मान देने के उद्देश्य से डॉ राजीव पांडेय जी के मार्गदर्शन में दुनिया भर से 151 कवियों ने परमवीर चक्र विजेताओं पर स्व रचित कविताएं आभासी गोष्ठी के माध्यम से गूगल मीट पर पढ़ीं और जिसे फेसबुक पर सीधा प्रसारित भी किया गया था। यह कवि सम्मेलन 22 नवंबर 2020 को संपन्न हुआ था। गौरव की बात है कि उनमें से 101 कवियों के उन काव्यों को पुस्तक रूप प्रकाशित कर अद्भुत कार्य किया है। गाजियाबाद से प्रकाशित इस पुस्तक के संपादक डॉ राजीव पांडेय जी एवं संयोजक श्री ओंकार त्रिपाठी जी हैं। सेना का सम्मान हमारा परम कर्तव्य है। उन वीरों के शौर्य के कारण ही हम नागरिक अपने घरों में चैन की नींद सो पाते हैं।
इस अंतरराष्ट्रीय हिंदी काव्य संग्रह में डॉ भोला दत्त जोशी, पुणे की दो कविताएं " परमवीर चक्र विजेताओं का हम शतश: वंदन करते हैं " और " सर्वोच्च बलिदानी वीर सपूत " प्रकाशित हुईं हैं जिनमें उन सभी वीरों की वीरगाथाओं का उल्लेख किया गया है। उनकी वीरता को नमन करते हुए कवि ने स्वयं को गौरवान्वित महसूस किया है और उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की है।
प्रख्यात कवि डॉ. भोला दत्त जोशी
ने लिखा -
'सूबेदार बानासिंह संघर्ष कर सियाचिन में विजयी हुए थे
शहीद अरुण के वज्रप्रहार ने पाकटैंक बहु ध्वस्त किए थे
परमवीरचक्र-सम्मानित सैनिक-रज का पूजन करते हैं
परमवीर चक्र विजेताओं का,हम शतशः वंदन करते हैं।'
एक अन्य रचना वह लिखते हैं -
'भारत मां की रक्षा में जिन वीरों ने सर्वोच्च बलिदान दिया
उनकी अमर गाथाओं को,परमवीर चक्र देकर मान दिया।
मेजर सोमनाथ कुमाऊं रेजीमेंट के पाक सीमा पर डटे रहे
एक एक कर दुश्मन को मारा अंत तक बहादुरी से डटे रहे'
हर्ष का अवसर है कि प्रकाशित पुस्तक ' भारत के इक्कीस परमवीर ' का विमोचन सेना के सर्वोच्च अधिकारी पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह राज्य मंत्री, सड़क परिवहन मंत्रालय, भारत सरकार के हाथों 14 फरवरी को दोपहर दो बजे दिल्ली के हिंदी भवन में देश एवं विदेशों से आए कई गणमान्य कवियों और सेना वरिष्ठ अधिकारी वर्ग की उपस्थिति में हो रहा है। परमवीर चक्र विजेताओं में ग्रेनेडियर योगेंद्र यादव साक्षात् उपस्थित होने वाले हैं। डॉ भोला दत्त जोशी को उनके साहित्यिक योगदान के लिए ' परमवीर सृजन सम्मान ' से सम्मानित किया जाएगा। ज्ञातव्य है कि डॉ भोला दत्त जोशी की विभिन्न विधाओं में 15 किताबें एवं 19 सांझा पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इन्हें पहले अनेक राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय सम्मानों मसलन अमेरिका के केंद्रीय विश्वविद्यालय से डी.लिट. से सम्मानित किया जा चुका है।
परमवीर चक्र विजेताओं पर यह एक अनूठा , अद्भुत और पहला काव्य संग्रह प्रकाशित हुआ है जो मील का पत्थर साबित होगा। देश सबसे ऊपर है इसी बात को लोगों के ध्यान में लाना और सेना के बलिदान को उचित सम्मान देने की भावना नई पीढ़ी में अंकुरित करना इसका उद्देश्य है।
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