निशा अतुल्य

 मातृभाषा दिवस 

21.2.2021 


मातृभाषा मेरा अभिमान है 

मातृभाषा जीवन का ज्ञान है 

मिल जाएगा सब कुछ तुम को 

करो सम्मान ये ही शान है ।


करो संरक्षण इसका 

ये माता की सिखाई जुबान है

सम्मान दिल से हो इसका

ये जीवन का आधार है ।


ये ही भाषा अपनी ऐसी 

जो देती माँ सम प्यार है 

अपनत्व भरा इसमें ऐसा

प्रान्त की ये पहचान है ।


संवेदना भरी इसमें मन की

मानवता से भरी ये महान है 

अहसास कराती अपनत्व का

ये भरी दुपहरी ममता की छाँव हैं ।


स्वरचित

निशा"अतुल्य"

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