होली के रँग
होली के शुचि पर्व में ,
रँगो प्रेम से मीत।
प्रेम करो हर एक से
लिखो प्रेम के गीत ।
फागुन आया झूमता ,
हैंबगियन में बौर ।
रंगों का त्यौहार ये ,
मधुर मिलन का दौर ।
होली के रँग में रँगो ,
छोड़ो सारे क्लेश ।
हो जाओ सब एकरँग ,
भूलभाल कर द्वेष ।
पिचकारी भर भर रँगो ,
डालो लाल गुलाल।
होली में मिल झूम लो,
रँग दो सब के गाल ।
कोई बैरी ना रहे ,
होली से लो सीख ।
प्रेम रंग से जग रँगों ,
बनो सभी के मीत ।
सुषमा दीक्षित शुक्ला
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